एक तस्वीर
(जिसकी तस्वीर बना राहा है उस प्रेमिका से बात करता कवि )
एक तस्वीर बना रहा हु मैं तेरी,
कुछ अधूरी सी, कुछ पूरी सी।
हर रंग भर रहा हु उसपर,
कुछ सतरंगी, कुछ मनरंगी।
जुल्फे खेलती हे हवा संग,
कुछ लहेराती, कुछ सहेमी सी।
जुमके भी तो जूम रहे जुल्फो संग,
कुछ बहेके से, कुछ चुपके से।
मोती से है नयन नक्श तुम्हारे,
कुछ चमकीले, कुछ नशीले।
पलके भी तो करती है शरारत
कुछ ढली सी कुछ खुली सी।
गालो पर छाई हे लाली,
कुछ बेशर्मी सी, कुछ शर्मीली।
होठ भी तो हे मस्त लाल गुलाबी,
कुछ गीले से कुछ सूके से।
नीले आसमानी रंग की हे सारी,
कुछ छुपाती, कुछ बतलाती।
चाल भी तो हे मदमस्त हिरनी सी,
कुछ बलखाती, कुछ लचकाती।
देख लो तुम एक नज़र से ईसे
कुछ प्यार, से कुछ इतराते,
फिर कर देना दस्तखत गुलाबी
कुछ चित्र पर कुछ इस चित्रकार पर॥
(जिसकी तस्वीर बना राहा है उस प्रेमिका से बात करता कवि )
एक तस्वीर बना रहा हु मैं तेरी,
कुछ अधूरी सी, कुछ पूरी सी।
हर रंग भर रहा हु उसपर,
कुछ सतरंगी, कुछ मनरंगी।
जुल्फे खेलती हे हवा संग,
कुछ लहेराती, कुछ सहेमी सी।
जुमके भी तो जूम रहे जुल्फो संग,
कुछ बहेके से, कुछ चुपके से।
मोती से है नयन नक्श तुम्हारे,
कुछ चमकीले, कुछ नशीले।
पलके भी तो करती है शरारत
कुछ ढली सी कुछ खुली सी।
गालो पर छाई हे लाली,
कुछ बेशर्मी सी, कुछ शर्मीली।
होठ भी तो हे मस्त लाल गुलाबी,
कुछ गीले से कुछ सूके से।
नीले आसमानी रंग की हे सारी,
कुछ छुपाती, कुछ बतलाती।
चाल भी तो हे मदमस्त हिरनी सी,
कुछ बलखाती, कुछ लचकाती।
देख लो तुम एक नज़र से ईसे
कुछ प्यार, से कुछ इतराते,
फिर कर देना दस्तखत गुलाबी
कुछ चित्र पर कुछ इस चित्रकार पर॥
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